शहर में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों से बढ़ता खतरा, यातायात पुलिस की उदासीनता पर सवाल
शहर में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों से बढ़ता खतरा, यातायात पुलिस की उदासीनता पर सवाल
शहर में ई-रिक्शा से हो रही दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, और इसका मुख्य कारण नाबालिग चालकों की लापरवाही मानी जा रही है। सोमवार को ठठेरी बाजार में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब एक ई-रिक्शा ने एक वृद्ध व्यक्ति को टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल वृद्ध को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।घायल व्यक्ति की पहचान कोलकाता निवासी सोना-चांदी के कारीगर विजय कुमार के रूप में हुई है। सिर में गंभीर चोट के कारण उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई है।
एक अन्य घटना नया भोजपुर में हुई, जहां एक नाबालिग ई-रिक्शा चालक ने एक महिला को टक्कर मार दी। महिला के पैर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उसे बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इन घटनाओं ने शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यातायात पुलिस की निष्क्रियता इन दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। पुलिस, जो आमतौर पर दिन-रात चालान काटने में सक्रिय रहती है, इन नाबालिग चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
स्थानीय निवासी मंजीत कुमार ने बताया कि अधिकांश ई-रिक्शा नाबालिग और बिना प्रशिक्षण वाले चालक चला रहे हैं। इन चालकों के पास न तो लाइसेंस है और न ही वाहन चलाने का उचित अनुभव। ये लोग मनमाने ढंग से वाहन चलाते हैं और कहीं भी सवारियां बिठाने-उतारने के लिए रुक जाते हैं।
स्थानीय लोगों की नाराजगी :
शहर के लोगों ने यातायात पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि पुलिस समय पर कार्रवाई करती और नाबालिग चालकों पर रोक लगाती, तो ऐसी दुर्घटनाओं को टाला जा सकता था।
समस्या का समाधान जरूरी :
ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता के कारण यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। चौक-चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी इन ई-रिक्शा चालकों पर कोई ध्यान नहीं देते, जिससे उनकी मनमानी बढ़ती जा रही है। इससे न केवल दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा है, बल्कि शहर में जाम की स्थिति भी आम हो गई है।शहर में नाबालिग ई-रिक्शा चालकों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके साथ ही, ई-रिक्शा चालकों के लिए लाइसेंस और प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन और यातायात पुलिस को इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए ताकि शहर की सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके।
बक्सर में बढ़ती दुर्घटनाओं ने प्रशासन और पुलिस की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह जरूरी है कि यातायात पुलिस सक्रिय होकर इन मामलों पर ध्यान दे और नाबालिग चालकों पर रोक लगाए। इससे न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि शहरवासियों का पुलिस पर भरोसा भी मजबूत होगा।
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