Tue, 05 August, 2025
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विधायक रीतलाल के यहां छापेमारी क्या क्या मिला, खुल गया पूरा राज ? इस कागज ने बढ़ाई परेशानी।

पटना द प्राइम पब्लिक:-राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी और दानापुर से राजद विधायक रीतलाल यादव व उनके सहयोगी के 11 ठिकानों पर शुक्रवार को पुलिस ने छापेमारी की। इस छापेमारी में पुलिस को कई आपत्तिजनक सामान मिले।

वहीं रीतलाल यादव मौके से फरार हो गए। राजद विधायक के ऊपर यह कार्रवाई पटना पुलिस और एसटीएफ संयुक्त रुप से की। इस कार्रवाई के बाद रीतलाल यादव ने अपने सोशल मीडिया के जरिए नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया। दरअसल, पटना पुलिस, एसटीएफ और बीएमपी की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को राजद विधायक रीतलाल यादव, उनके बिजनेस पार्टनर सुनील महाजन समेत 11 सहयोगियों के विभिन्न ठिकानों पर करीब छह घंटे तक छापेमारी की। यह कार्रवाई खगौल थाना क्षेत्र के कोधवां स्थित विधायक आवास, अभियंतानगर और अन्य स्थानों पर की गई।

पुलिस ने इस दौरान कुल 10.5 लाख रुपये नकद, 77.5 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, जमीन से जुड़े 14 दस्तावेज व एग्रीमेंट, 17 चेकबुक, पांच स्टांप पेपर, छह पेन ड्राइव और एक वॉकी-टॉकी बरामद किए। ब्लैंक चेक रीतलाल यादव की मुश्किल बढ़ा सकती है। छापेमारी एक केस के सिलसिले में की गई जो 10 अप्रैल को एक स्थानीय बिल्डर द्वारा दर्ज कराया गया था। बिल्डर ने विधायक रीतलाल यादव, सुनील महाजन समेत अन्य पर रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था।

पुलिस इस केस की जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपने की तैयारी कर रही है। दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि कार्रवाई से शिकायतकर्ता को खतरा हो सकता है, इसलिए उसका नाम उजागर नहीं किया जा रहा। छापेमारी के दौरान विधायक, उनके परिवार और सहयोगियों को बुलाया गया, लेकिन कोई भी उपस्थित नहीं हुआ।

ASP भानु प्रताप सिंह के मुताबिक, विधायक रीतलाल यादव के खिलाफ खगौल थाना में एक व्यक्ति ने रंगदारी मांगने की FIR दर्ज कराई थी। आरोप है कि रीतलाल और उनके सहयोगी लगातार धमकी देकर पैसे की मांग कर रहे थे। इसी केस के आधार पर छापेमारी की गई। ASP ने बताया कि छापेमारी के समय रीतलाल यादव घर पर मौजूद नहीं थे और फरार हो गए।

छापेमारी के दौरान विधायक रीतलाल यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "चुनाव से पहले बिहार पुलिस बिना सर्च वारंट और बिना सूचना के मेरे घर छापेमारी कर रही है। मुझे और मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। यह मेरी राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल करने की साजिश है। यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेष और ओछी मानसिकता का नतीजा है।"

रीतलाल यादव का नाम कई अपराधिक मामलों में रहा है। वर्ष 2003 में दानापुर में भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या में भी रीतलाल यादव का नाम आया था। बाद में सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी आशा सिन्हा चुनाव में जीत हासिल कर भाजपा से विधायक बनी। वहीं 2010 से ही रीतलाल यादव विधायक बनने का सपना संजोए राजनीती में हाथ आजमाते रहे। अंततः लालू यादव की पार्टी में उनका प्रवेश हुआ। लेकिन इसी बीच वर्ष 2016 में पहली बार एमएलसी का चुनाव जीते। बाद में वर्ष 2020 के विधासभा चुनाव में राजद के टिकट पर दानापुर से चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। उस दौरान चुनावी हलफनामा के अनुसार रीतलाल के खिलाफ 33 मामले दर्ज थे।

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